Hazaribagh, Jharkhand – महाशिवरात्रि के अवसर पर हजारीबाग जिले के डुमरो गांव में Dj लगाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद ने उग्र रूप ले लिया गया है। इस विवाद ने हिंसक झड़प का रूप ले लिया, जिसमें जमकर पत्थरबाजी हुई और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की भारी तैनाती की गई है, और पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
![]() |
Hazaribagh में mahashivaratri पर तनाव |
जानते कैसे भड़की हिंसा की आतंक?
मिली जानकारी के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन धार्मिक आयोजन के दौरान लाउडस्पीकर लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ है। देखते ही देखते यह विवाद बढ़ गया और दो पक्षों के बीच झगड़ा हो गई। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंके और कुछ उपद्रवियों ने गाड़ियों और दुकानों में आग लगा दी गई है।
आसपास लोगों का कहना है
झगड़ा के बाद से स्थानीय लोग बहुत डरे हुए हैं। कई लोगों के घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचा है। घटना स्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब ऐसा हादसा हुआ हो। इससे पहले भी सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन इस बार हिंसा ने विकराल रूप ले लिया गया है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया क्या होने वाला है
हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने तुरंत कड़ी कार्रवाई कर दिया गया है। पुलिस बाला ने मोर्चा संभालते हुए स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहे थे। इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है ताकि आगे कोई और आगे दुर्घटना ना हो। प्रशासन का कहना है कि दोषियों की पहचान कर उन पर सख्त कार्रवाई करने वाला है।
आसपास की स्थानीय लोगों की राय क्या है
कुछ लोगों का कहना है कि विवाद का असली कारण एक मीनार का निर्माण है, जो सरकारी स्कूल परिसर के पास हुआ था। एक पक्ष का दावा है कि यह निर्माण सरकारी जमीन पर हुआ है, जबकि दूसरा पक्ष इसे वैध बता रहा है। इस मुद्दे को लेकर दोनों समुदायों के बीच पहले से तनाव था, जो महाशिवरात्रि के मौके पर हिंसा में बदल गया।
क्या हुआ है इसका समाधान?
स्थानीय नेताओं और समाजसेवियों का कहना है कि दोनों समुदायों को आपसी भाई भाई के साथ रहना चाहिए और किसी भी धार्मिक मुद्दे को बातचीत के जरिए हल करना चाहिए। वहीं, प्रशासन पर भी निष्पक्ष कार्रवाई करने का दबाव है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं आगे न हों।
निष्कर्ष
डुमरो गांव की यह घटना झारखंड में सांप्रदायिक सौहार्द के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। धार्मिक आयोजनों के दौरान इस तरह की घटनाओं से सामाजिक ताना-बाना प्रभावित होता है। प्रशासन को न केवल त्वरित कार्रवाई करनी होगी बल्कि ऐसी नीतियां भी बनानी होंगी, जिससे भविष्य में इस तरह की हिंसा को रोका जा सके।