Mahakumbh 2025 Mahashivratri LIVE: आस्था का महासागर, 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी, स्वामी चिदानंद बोले –अब लौटने का मन नहीं करता

0

 

Mahakumbh 2025 Mahashivratri LIVE: आस्था का महासागर, 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी, स्वामी चिदानंद बोले – "अब लौटने का मन नहीं करता"


Mahakumbh 2025 Mahashivratri LIVE: आस्था का महासागर


प्रयागराज में महाकुंभ 2025 महाकुंभ के आखिरी दिन महाशिवरात्रि के मौके पर भक्तों के स्नान के लिए तीन जोन की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु जिस जोन में पहुंचेंगे, वहीं उनका स्नान कराया जाएगा।


 महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर संगम तट पर आस्था का अभूतपूर्व नज़ारा देखने को मिला। अब तक 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पुण्य की डुबकी लगा रहा हैं। देश-विदेश से आए श्रद्धालु दिव्य वातावरण में भगवान शिव की भक्ति में शिव जी के दर्शन करने के लिए हैं। पूरा क्षेत्र "हर हर महादेव" के जयकारों से गूंज उठा है।


शाही स्नान: आस्था और परंपरा का दिव्य संगम

महाशिवरात्रि के मौके पर सभी प्रमुख अखाड़ों के संतों और नागा संन्यासियों ने भव्य शाही स्नान किया। जैसे ही नागा संन्यासी गंगा में उतरे, पूरा वातावरण शिवमय हो गया। डमरू, शंख और घंटों की ध्वनि से कुंभ नगरी आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठी। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद गंगा माता और भगवान शिव की विशेष आरती करती हैं।


स्वामी चिदानंद सरस्वती का भावुक संदेश

इस अद्भुत आयोजन से प्रभावित होकर परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा,

"महाकुंभ में आकर जो अनुभव होता है, उसे शब्दों में बयान करना बहुत कठिन है। यहां आने के बाद वापस लौटने का मन ही नहीं करता। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मा की यात्रा और आत्मशुद्धि का महासंगम माना जाता है।"

उनके इस संदेश ने श्रद्धालुओं को गहरी आध्यात्मिक अनुभूति से भर दिया।


महाकुंभ में कड़ी सुरक्षा, भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम कर चुका है । पुलिस, पैरा-मिलिट्री फोर्स और एनडीआरएफ की टीमें तैनात मौजूद हैं। स्नान घाटों पर गोताखोर मुस्तैद हैं, और ड्रोन व हेलीकॉप्टर से निगरानी रखा जा रहा है ।


दुनियाभर से पहुंचे भक्त, संस्कृति का अद्भुत संगम

महाकुंभ अब केवल भारत का ही नहीं, बल्कि वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बन चुका है। अमेरिका, कनाडा, रूस, जापान, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों से हजारों श्रद्धालु इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बनने आए हैं। वे भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा के इस विराट स्वरूप को देखकर अभिभूत हैं।


श्रद्धालुओं के लिए संदेश: संयम और स्वच्छता बनाए रखें

संत समाज और प्रशासन श्रद्धालुओं से अपील कर रहे हैं कि वे साफ सफाई का ध्यान रखने के ध्यान रखा जा रहा है और संयम बनाए रखें। महाकुंभ केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और मोक्ष की ओर बढ़ने का अवसर है।


महाकुंभ 2025: आस्था, भक्ति और सनातन संस्कृति का भव्य उत्सव

महाकुंभ 2025 ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत की आध्यात्मिक परंपरा अद्वितीय है। महाशिवरात्रि पर हुई यह दिव्य डुबकी अनंत काल तक भक्तों के हृदय में अमिट रहेगी। संगम तट पर हर भक्त शिवमय हो चुका है, और पूरा कुंभ क्षेत्र एक विशाल आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र में परिवर्तित हो गया है।

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top