महाकुंभ 2025 लाइव अपडेट्स: 38वें दिन भी श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब, जीतनराम मांझी ने किया पवित्र स्नान
प्रयागराज: महाकुंभ 2025 अपने 38वें दिन में प्रवेश कर चुका है और श्रद्धालुओं का सैलाब निरंतर संगम में आस्था की डुबकी लगा रहा है। बुधवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने भी पवित्र संगम में स्नान किया और दिव्य आयोजन का हिस्सा बने।
महाकुंभ में जीतनराम मांझी का आगमन
सुबह के समय मांझी संगम पहुंचे, जहां उन्होंने विधिपूर्वक स्नान किया और उसके बाद विभिन्न संतों और महंतों से मुलाकात की। उन्होंने कहा,
"महाकुंभ भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का सबसे बड़ा पर्व है। यहां आकर आत्मिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो भारत की सनातन परंपरा की अमरता का प्रमाण है।"
श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ता उत्साह
महाकुंभ के इस पावन अवसर पर अब तक 56 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। हर दिन लाखों लोग संगम की ओर बढ़ रहे हैं। बुधवार को भी हजारों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पवित्र स्नान के लिए उमड़े।
प्रशासन की तैयारियां और सुरक्षा व्यवस्था
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। प्रयागराज पुलिस और प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं लागू की हैं:
भीड़ प्रबंधन: अलग-अलग स्नान घाटों पर सुरक्षा घेरों की व्यवस्था की गई है।
यातायात नियंत्रण: विशेष यातायात प्लान लागू किया गया है ताकि तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
चिकित्सा सुविधा: कई अस्थायी अस्पताल और मेडिकल कैंप लगाए गए हैं।
साफ-सफाई: कुंभ क्षेत्र को साफ और स्वच्छ बनाए रखने के लिए विशेष स्वच्छता टीमों की तैनाती की गई है।
महाकुंभ का महत्व और आगे का कार्यक्रम
महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा से शुरू हुआ था और यह 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होगा। आगे आने वाले विशेष स्नान दिवसों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है।
- मौनी अमावस्या स्नान: 20 फरवरी 2025
- बसंत पंचमी स्नान: 22 फरवरी 2025
- महाशिवरात्रि स्नान: 26 फरवरी 2025
महाकुंभ 2025: एक ऐतिहासिक आयोजन
महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से भी एक महत्वपूर्ण आयोजन है। देश-विदेश से आए करोड़ों श्रद्धालु यहां आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कर रहे हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु विभिन्न संतों और महात्माओं के प्रवचनों का भी लाभ उठा रहे हैं।
इस प्रकार, महाकुंभ 2025 एक भव्य और ऐतिहासिक आयोजन के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। जैसे-जैसे समापन की ओर बढ़ रहे हैं, श्रद्धालुओं का उत्साह और भी बढ़ता जा रहा है।